• जब मैं “अज्ञानता” दूर करता हूँ तब मैं “ब्राह्मण” हूँ |
• जब मैं “अन्याय” के खिलाफ लड़ता हूँ तब मैं “क्षत्रिय” हूँ |
• जब मैं अन्न, धन आदि के “अभाव” को दूर करता हूँ तब मैं “वैश्य” हूँ |
• जब मैं “ब्राह्मण”, “क्षत्रिय” और “वैश्य” का सहायक बनता हूँ तब मैं “शूद्र” हूँ |
• समाज में से “अज्ञानता”, “अन्याय” और “अभाव” के दुःख को दूर करने के लिए मैं कर्म करता हूँ |
• मेरी जाति एक ही है – मानवजाति
• मेरा धर्म एक ही है - (वैदिक धर्म
No comments:
Post a Comment