Subh Vichar
Friday, March 11, 2016
माँ तो जन्नत का फूल है
माँ तो जन्नत का फूल है
प्यार करना उसका उसूल है
दुनिया की मोहब्बत फिजूल है
माँ की हर दुआ कबूल है ,
माँ को नाराज करना इंसान तेरी भूल
माँ के कदमो की मिटटी जन्नत की धूल
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