बेटा तन है बेटी मन है
बेटा वंश है बेटी अंश है
बेटा आन है बेटी शान है
बेटा मान है बेटी गुमान है
बेटा वारिस है बेटी पारस है
बेटा संस्कार है बेटी संस्कृति है
बेटा भाग्य है बेटी विधाता है
बेटा दवा है बेटी दुआ है
बेटा शब्द है बेटी अर्थ है
बेटा राग है बेटी बाग है
बेटा गीत है बेटी संगीत है
बेटा प्रेम है बेटी पूजा है
दोस्तो.....,
बाकी की चार उँगलियाँ ईर्ष्या से जलती है, जब मेरी लाडली मेरी एक उंगली पकड कर चलती है.
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