एक आदमी ने गुरू नानक ji से पूछा: मैं इतना गरीब क्यों हूँ....?
गुरू नानक ji ने कहा: तुम गरीब हो क्योंकि तुमने देना नहीं सीखा....
आदमी ने कहा: परन्तु मेरे पास तो देने के लिए कुछ भी नहीं है
गुरू नानक ji ने कहा:
तुम्हारा चेहरा, एक मुस्कान दे सकता है..तुम्हारा मुँह, किसी की प्रशंसा कर सकता है या दूसरों को सुकून पहुंचाने के लिए दो मीठे बोल बोल सकता है.. तुम्हारे हाथ, किसी ज़रूरतमंद की सहायता कर सकते हैं.. और तुम कहते हो तुम्हारे पास देने के लिए कुछ भी नहीं..!! आत्मा की गरीबी ही वास्तविक गरीबी है..
पाने का हक उसी को है.. जो देना जानता है.
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