Saturday, April 30, 2016

''जब मम्मी डाँट रहीं थी तो कोई चुपके से हँसा रहा था

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'जब मम्मी डाँट रहीं थी तो कोई
चुपके से हँसा रहा था
:: वो थे पापा ::
''जब मैं सो रही थी तब कोई
चुपके से सिर पर हाथ
फिरा रहा था
:: वो थे पापा ::
''जब मैं सुबह उठी तो कोई बहुत
थक कर भी
काम पर जा रहा था
:: वो थे पापा ::
''खुद कड़ी धूप में रह कर
कोई मुझे
एसी में सुला रहा था
:: वो थे पापा ::
''सपने तो मेरे थे पर उन्हें
पूरा करने का रास्ता कोई और
बताऐ जा रहा था
:: वो थे पापा ::
''मैं तो सिर्फ अपनी खुशियों में हँसती हूँ
पर मेरी हँसी देखकर कोई अपने
गम भुलाऐ जा रहा था
:: वो थे पापा ::
''फल खाने की
ज्यादा जरूरत तो उन्हें है पर कोई मुझे
सेब खिलाऐ जा रहा था
:: वो थे पापा ::
''खुश तो मुझे होना चाहिऐ कि
वो मुझे मिले पर मेरे जन्म लेने की खुशी कोई और
मनाऐ जा रहा था
:: वो थे पापा ::
''ये दुनिया पैसों से चलती है पर
कोई सिर्फ मेरे लिऐ
पैसे कमाऐ जा रहा था
:: वो थे पापा ::
''घर में सब अपना प्यार दिखाते हैं पर
कोई बिना दिखाऐ भी इतना प्यार किऐ
जा रहा था
:: वो थे पापा ::
''पेड़ तो अपना फल खा नही सकते
इसलिऐ हमें देते हैं पर कोई अपना पेट
खाली रखकर भी
मेरा पेट भरे जा रहा था
:: वो थे पापा ::
''विदा तो मैं हो रही थी पर मुझसे भी
अधिक आंसू कोई और
बहाऐ जा रहा था
:: वो थे पापा ::

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