मंदिर में पूजा करे, घर में करे कलेश,
बापू तो बोझ लगे, पत्थर लगे गणेश ।।
बचे कहाँ सब शेष है, दया, धर्म, ईमान,
पत्थर के भगवान है, पत्थर दिल इंसान ।।
पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग,
मर जाते फुटपाथ पर, भूखे प्यासे लोग ।।
फैला है पाखंड का, अन्धकार सब और,
पापी करते जागरण, मचा - मचा कर शोर ।।
पहन मुखौटा धर्म का, करते दिन भर पाप,
भंडारे करते फिरे,घर में भूखा बाप ।।
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