Subh Vichar
Friday, November 4, 2016
मैं हँसता हूँ तो बस अपने ग़म छिपाने के लिए..
मैं हँसता हूँ तो बस अपने ग़म छिपाने के लिए..
और लोग देख के कहते है काश हम भी इसके जैसे होते.
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