Subh Vichar
Saturday, November 19, 2016
खुद से भी कभी रूबरू ,
खुद से भी कभी रूबरू ,
करा दे मेरे मालिक मुझको ,
कब तक यूँ परायो में ,
अपनों के निशान ढूंढता फिरूँ।
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