सुबह की "चाय" और बड़ों की "राय"
समय-समय पर लेते रहना चाहिए.....
पानी के बिना, नदी बेकार है
अतिथि के बिना, आँगन बेकार है।*
प्रेम न हो तो, सगे-सम्बन्धी बेकार है।
पैसा न हो तो, पाकेट बेकार है।
और जीवन में दोस्ती न हो
तो जीवन बेकार है।
इसलिए जीवन में
दोस्ती बेहद
जरुरी
है
समय-समय पर लेते रहना चाहिए.....
पानी के बिना, नदी बेकार है
अतिथि के बिना, आँगन बेकार है।*
प्रेम न हो तो, सगे-सम्बन्धी बेकार है।
पैसा न हो तो, पाकेट बेकार है।
और जीवन में दोस्ती न हो
तो जीवन बेकार है।
इसलिए जीवन में
दोस्ती बेहद
जरुरी
है
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