Sunday, December 4, 2016

दो धर्मों का कभी भी झगड़ा नहीं होता

जिसके पास धैर्य है, वह जो कुछ इच्छा करता है, प्राप्त कर सकता है | – फ्रैंकलिन
दो धर्मों का कभी भी झगड़ा नहीं होता | सब धर्मों का अधर्मो से ही झगड़ा है | –  विनोबा भावे
दुःख भोगने से सुख के मूल्य का ज्ञान होता है | – शेख सादी
कुछ न कुछ कर बैठने को ही कर्तव्य नहीं कहा जा सकता |  कोई समय ऐसा भी होता है, जब कुछ  न करना ही सबसे बड़ा कर्तव्य माना जाता है | – रवीन्द्रनाथ ठाकुर
क्रोध मुर्खता से शुरु होता है और पश्चाताप पर खत्म होता है | – पैथागोरस
जब क्रोध आये, तो उसके परिणाम पर विचार करो | – कन्फ्यूशस

उस इन्सान से ज्यादा गरिब कोई नहीं है, जिसके पास केवल पैसा है | – एडबिन पग

अपनी गलती स्वीकार कर लेने में लज्जा की कोई बात नहीं है | इससे, दुसरे शब्दों में, यही प्रमाणित होता है कि बीते हुए कल की अपेक्षा आज आप अधिक बुद्धिमान हैं | – अलेक्जेन्डर पोप

जिस प्रकार बिना घिसे हीरे पर चमक नहीं आती, ठिक उसी तरह बिना गलतियाँ किये मनुष्य सपूर्ण नहीं बनता |

महत्व इसका नहीं है कि हम कब तक जीते हैं; महत्त्व की बात तो यह है कि हम, कैसे जीते हैं |

दोषभरी बात यदि यथार्थ है, तब भी नहीं करना चाहिए, जैसे अंधे को अंधा कहने पर तकरार हो जाती है


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