Subh Vichar
Thursday, July 28, 2016
किसी सन्त ने कहा कि
अपने साये से भी ज्यादा
मनुष्य कितना भी गोरा क्यों
वक्त भी सिखाता है और टीचर भी
ज़िंदगी उसी को आज़माती है,
ज़िंदगी उसी को आज़माती है,
जो हर मोड़ पर चलना जानता है....!!
कुछ "पाकर" तो हर कोई मुस्कुराता है,
ज़िंदगी शायद उनकी ही होती है जो
बहुत कुछ "खोकर" भी मुस्कुराना जानता है..
Thursday, July 21, 2016
गुनगुनाता जा रहा
दूसरों को दुखी देख कर
अपनी रोशनी की बुलंदी पर
Saturday, July 9, 2016
अपनी कमजोरी का जिक्र
अपने बढ़े माँ बाप
Friday, July 8, 2016
समय बहाकर ले जाता है ,
जिन्दगी का तजुर्बा तो नहीं पर
परमात्मा को मंदिरो से ज्यादा इंसानो
नफ़रतो के बाजार में जीने का अलग
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)